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तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है (Tere Swagat Mein Maiya Ji Maine Palke Bichayi Hai)

तेरे स्वागत में मैया जी, मैंने पलके बिछाई है (Tere Swagat Mein Maiya Ji Maine Palke Bichayi Hai)

तेरे स्वागत में मैया जी,

मैंने पलके बिछाई है,

मैंने पलके बिछाई है

मैंने पलके बिछाई है,

चली आओ मेरी मैया,

घड़ी शुभ फिर से आई है,

तेरे स्वागत में मईया जी,

मैंने पलके बिछाई है ॥


मिली थी जो खुशी मुझको,

बिछाई राहों में तेरी,

कदम मेरे घर में रख दो माँ,

सही जाए ना अब देरी,

मेरी तकदीर में फिर से,

तुम्हारी सेवा आई है,

चली आओ मेरी मैया,

घड़ी शुभ फिर से आई है,

तेरे स्वागत में मईया जी,

मैंने पलके बिछाई है ॥


तुम्हारी किरपा से मैया,

अभी तक जो भी पाया है,

मिलाकर प्यार उसमें माँ,

भोग तेरा बनाया है,

जरा विश्राम कर लेना,

तेरी चौकी सजाई है,

चली आओ मेरी मैया,

घड़ी शुभ फिर से आई है,

तेरे स्वागत में मईया जी,

मैंने पलके बिछाई है ॥


सजा कर रख लूंगा मैया,

निशानी तेरे चरणों की,

दरश से तेरे मैया जी,

मिटेगी प्यास जन्मों की,

‘जयंत’ और ‘मंत्री’ ने मैया,

आस कब से लगाई है,

चली आओ मेरी मैया,

घड़ी शुभ फिर से आई है,

तेरे स्वागत में मईया जी,

मैंने पलके बिछाई है ॥


तेरे स्वागत में मैया जी,

मैंने पलके बिछाई है,

मैंने पलके बिछाई है

मैंने पलके बिछाई है,

चली आओ मेरी मैया,

घड़ी शुभ फिर से आई है,

तेरे स्वागत में मईया जी,

मैंने पलके बिछाई है ॥

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32 साल से नहीं नहाए हैं छोटू बाबा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 48 दिनों तक चलने वाले इस विशाल धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत देश-विदेश से आने वाले हैं। इस भीड़ में एक नाम जो खास तौर पर ध्यान खींच रहा है, वह है असम के गंगापुरी महाराज, जिन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

41 साल से मौन, IAS-की फ्री कोचिंग दे रहे हैं 'चाय वाले बाबा'

महाकुंभ के विशाल मेले में, जहां लाखों लोग धर्म और आध्यात्म की तलाश में जुटते हैं, वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। एक पायाहारी मौनी बाबा, जो पिछले 41 साल से मौन धारण किए हुए हैं, छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं।

144 बाद कुंभ में ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज के 5 ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

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