सुनते सबकी पुकार,
जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार,
बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो,
जय बजरंगी ॥
जिसने लिया संकल्प प्रभु के,
सब कष्टों को मिटाने का,
क्यों ना हम गुणगान करे,
श्री राम के उस दीवाने का,
तेरी शक्ति अपार,
तू तो लाया था अकेला,
सारा पर्वत उखाड़,
बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो,
जय बजरंगी ॥
निशाचर हीन बनाकर धरती,
प्रभु का हाथ बटाया था,
रामचंद्र जी से प्यार था कितना,
सीना फाड़ दिखाया था,
है जब तक धरती आकाश,
ये दुनिया रखेगी याद,
तेरा उपकार,
बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो,
जय बजरंगी ॥
चारो युग का हाल जो जाने,
अजर अमर कहलाए है,
भक्तो की रक्षा करने,
शिव रूप बदलकर आए है,
तेरी महिमा अपार,
तू ही ‘बबली’ की जीवन नैया,
करता बाबा पार,
बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो,
जय बजरंगी ॥
सुनते सबकी पुकार,
जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,
आता इनके द्वार,
बोलो जयकार,
जय बजरंगी बोलो जी बोलो,
जय बजरंगी ॥
भारत एक ऐसा देश है, जहां हर कहीं कई किस्से कहानियां है। यहां के हर शहर हर राज्य में कई कहानियां देखने को मिलती है। हर शहर के नाम के पीछे कोई न कोई पौराणिक कहानी है।
भारत में दिवाली का पर्व हर जगह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन, अयोध्या की दिवाली की बात ही कुछ और है। राम नगरी अयोध्या में हर साल दीपोत्सव के दौरान दिवाली को अत्यंत भव्य तरीके से मनाया जाता है।
रोशनी और उमंग के त्योहार के रूप में देशभर में दीपावली धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दीपावली धन और खुशहाली का प्रतीक भी है।