शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
कोई फल और फूल चढ़ावे,
कोई बेल और पाती है,
कोई बेल और पाती है,
एक लोटे जल से ही,
खुश हो जाते ये कैलाशी है,
खुश हो जाते कैलाशी है,
करते सब उद्धार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
तीन लोक के स्वामी बाबा,
शिव शंकर कैलाशी है,
शिव शंकर कैलाशी है,
पीकर के भंगिया रहता,
अपनी धुन में अविनाशी है,
अपनी धुन में अविनाशी है,
सर पे गंगा का भार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
मस्तक ऊपर चंद्र विराजे,
पहने सर्पो की माला है,
पहने सर्पो की माला है,
जटा में जिनकी गंग विराजे,
रूप बड़ा विकराला है,
रूप बड़ा विकराला है,
नंदी पर सवार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
जटा जुट धारी भंडारी,
शिव शंकर भगवान है,
शिव शंकर भगवान है,
तुमसा ना प्रभु कोई दानी,
लीला तेरी महान है,
लीला तेरी महान है,
देवों में देव महान है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
सनातन धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है होली भाई दूज, जिसे "यम द्वितीया" भी कहा जाता है।
होली भाई दूज इस साल 16 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और बंधन को दर्शाता है।
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भारत में पूर्णिमा का बहुत महत्व है और देश के प्रमुख क्षेत्रों में इसे पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अधिकांश प्रमुख त्यौहार या वर्षगांठ इसी दिन पड़ती हैं।