बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी
लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे
तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी
प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी..."
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
कटि लहंगा गल माल कंचुकी,
वाको चुनरी शीश उढाओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
बाँह बडा बाजूबंद सोहे,
वाको नकबेसर पहराओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
लाल गुलाल दृगन बिच काजर,
वाको बेंदी भाल लगावो री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
आरसी छल्ला और खंगवारी,
वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
नारायण करतारी बजाय के,
वाको जसुमति निकट नचाओ री,
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥
क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,
क्या लेके आया बन्दे,
क्या लेके जायेगा,
क्या वो करेगा लेके चढ़ावा,
सब कुछ त्याग के बैठा कहीं,
क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,