रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
रज सभी विधाओं की आई अयोध्या
जल सारी नदियों से पहुँचा अयोध्या
चाँदी की हैं इंटें, नीव मे समाई
हीरे और मोती से पूजन है कराई
कलस पूजन होगा जन्मभूमि तीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
ऊँचे ऊँचे शिखारों की कल्पना करी है
भव्य मंदिर की नीव पड़ी है
खुश हैं सभी साधु संत, नर-नारी
देश विदेश मे भी खुशियाँ हैं न्यारी
नाचेंगे गाएँगे भक्त धीरे धीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में अखाड़ों के साधु संतों ने आस्था की डुबकी लगाई। 13 अखाड़ों ने अपने क्रम के अनुसार स्नान किया।
अध्यात्म का मार्ग आसान नहीं होता। यह एक ऐसा पथ है, जहाँ साधना, तपस्या और त्याग के कठिन इम्तिहान से गुजरना पड़ता है। जब बात साधु-संतों की हो, तो यह मार्ग और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसी कठिन राह पर चलते हुए एक पद ऐसा है, जिसे सर्वोच्च सम्मान और गौरव प्राप्त है...महामंडलेश्वर।
पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हुआ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 44 घाटों पर पहले दिन 1 करोड़ 65 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। बड़ी संख्या में देश ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु हिंदू धर्म के समागम में पहुंचे।
प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। 13 जनवरी को पहले दिन बड़ी संख्या में साधु संतों और श्रद्धालुओं ने पौष पूर्णिमा का स्नान किया। वहीं आज पहले शाही स्नान के मौके पर भी बड़ी संख्या में साधु संत स्नान करने पहुंचे। क्रम के मुताबिक साधु संतों ने स्नान किया। हालांकि इस दौरान लोगों के मुख्य आकर्षण का केंद्र नागा साधु रहे।