किरपा मिलेगी श्री राम जी की,
भक्ति करो, भक्ति करो,
दया मिलिगी हनुमान जी की,
राम जपो, राम जपो,
दुष्ट दलन हनुमान है,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
पतित पावन राम है,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
मूरत रख श्री राम की,
मन ध्यान धरो,
ध्यान धरो, ध्यान धरो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
सकल अमंगल हर लेंगे,
हनुमान मेरे,
जय हनुमान, जय हनुमान
तन मन पवन कर देंगे,
श्री राम मेरे,
जय सिया राम, जय सिया राम
शीश झुका कर चरणों में,
प्रणाम करो, प्रणाम करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
शंकर स्वयं केसरी नंदन,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
विष्णु रूप भगवन है.
मेरे श्री राम,
जय सिया राम, जय सिया राम
विष्णु महेश की लीला का,
गन गान करो,
गान करो, गान करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
राम से बड़े है भक्त राम के,
जय हनुमान,
जय हनुमान, जय हनुमान
जो नित राम की महिमा गावे,
जय सिया राम, जय सिया राम
अर्पित प्रभु पूजन में जीवन,
प्राण करो, प्राण करो
भक्ति करो, भक्ति करो
॥ किरपा मिलेगी श्री राम जी...॥
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
मुंडन संस्कार के संदर्भ में जून का महीना विशेष महत्व रखता है, खासकर 2025 में। जिस तरह जून की गर्मी जीवन में जोश और ऊर्जा लाती है, उसी तरह इस महीने में किए गए संस्कार से बच्चे को आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
यदि आप जून 2025 में कर्णवेध संस्कार या कान छेदन करने का प्लान बना रहे हैं, तो जून महीने में कुल 9 शुभ मुहूर्त हैं। इन शुभ मुहूर्तों को ध्यान में रखकर आपका संस्कार सफल और शुभ होगा।