रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए ।
कर आज मंगल गणपति,
अपनी कृपा अब कीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति
रख लाज मेरी गणपति
सिद्धि विनायक दुःख हरण,
संताप हारी सुख करण ।
करूँ प्रार्थना मैं नित्त प्रति,
वरदान मंगल दीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए।
कर आज मंगल गणपति,
अपनी कृपा अब कीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति
तेरी दया, तेरी कृपा,
हे नाथ हम मांगे सदा ।
तेरे ध्यान में खोवे मति,
प्रणाम मम अब लीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए ।
कर आज मंगल गणपति,
अपनी कृपा अब कीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति
करते प्रथम तव वंदना,
तेरा नाम है दुःख भंजना ।
करना प्रभु मेरी शुभ गति,
अब तो शरण मे लीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए।
कर आज मंगल गणपति,
अपनी कृपा अब कीजिए ॥
रख लाज मेरी गणपति
रख लाज मेरी गणपति
अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। यह तिथि अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
हिंदू संस्कृति में कुछ दिन इतने शुभ माने जाते हैं कि उन दिनों किसी शुभ कार्य के लिए विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, और अक्षय तृतीया भी उन्हीं तिथियों में से एक मानी जाती है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इस साल अक्षय तृतीया का पर्व विशेष रूप से 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर किए गए पुण्य कर्म, दान और पूजा का फल अक्षय (अविनाशी) होता है।