राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब सोलह शृंगार करे,
प्रभ दर्पण आप दिखाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब पनघट पे जावे,
प्रभु मटकी आप उठाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब भोग तैय्यार करे,
हरी आकर भोग लगाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा जब कुँजन मे जावे,
प्रभु आकर रास रचाते है,
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥
सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।
हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को।
माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।