कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥
मेरे पापों का कोई ठिकाना नहीं,
तेरी प्रीत क्या होती जाना नहीं,
शरण देदो मेरे अवगुण निहारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥
मोहे प्रीत की रीत सिखा दो प्रिया,
अपनी यादो में रोना सिखा दो प्रिया,
जीवन नीरस है अखिओं के तारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥
प्यारी पतितों की पतवार तुम ही तो हो,
दीन दुखिओं की आधार तुम्ही तो हो,
अब मैं जाऊं कहा तेरे द्वारे बिना॥
॥ कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना...॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना,
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना॥
मान्यताओं के अनुसार जब भगवान सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो मीन संक्रांति मनाई जाती है। यह तिथि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है।
होली के ठीक बाद आने वाला भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सफलता की मनोकामना करती हैं।
सनातन धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है होली भाई दूज, जिसे "यम द्वितीया" भी कहा जाता है।
होली भाई दूज इस साल 16 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार और बंधन को दर्शाता है।