मेरे हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी ॥
श्लोक – पहले गणपति पूज के,
पाछे करिये काज,
विच सभा दे बेठियाँ,
मेरी पत रखियो महाराज ॥
मेरे हृदये करो परवेश जी,
हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥
लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को,
भक्तो के काटे हर दुःख को,
होवे पूजा देश विदेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥
करते मूषक की है सवारी,
चरणे लगती है दुनिया सारी,
मोहे दर्शन दीजो हमेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥
सिमरु तुझे सब दुःख मिट जावे,
दास सलीम तेरे गुण गावे,
तेरा पुरण है दरवेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥
मेरे हृदये करो परवेश जी,
हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी,
तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥
हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है।
क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली उपाय है? जी हां, हम बात कर रहे हैं प्रदोष व्रत की। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है।
सनातन धर्म में साधू-संतों का काफी महत्व है। साधु-संत भौतिक सुखों को त्यागकर सत्य व धर्म के मार्ग पर चलते हैं। इसके साथ ही उनकी वेशभूषा और खान-पान आम लोगों से बिल्कुल भिन्न होती है। उनको ईश्वर की प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। साधू-संत आमतौर पर पीला, केसरिया अथवा लाल रंगों के वस्त्र धारण करते हैं।
2024 के खत्म होने में अब बस कुछ ही दिन शेष बचे हैं। नववर्ष 2025 में ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार कई प्रमुख ग्रहों की चाल में होने वाला है। इनमें गुरु, शनि और राहु-केतु हैं। ये अपनी-अपनी राशि बदलने वाले हैं।