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मने अच्छा लागे से(Manne Acha Laage Se)

मने अच्छा लागे से(Manne Acha Laage Se)

सिया राम जी के चरणों के दास बाला जी,

भक्तों के रहते सदा पास बाला जी,

श्री राम जी के दूत बड़े खास बाला जी,

तेरे दम से चले मेरी सांस बाला जी,

तेरा सालासर दरबार तने पूजे यो संसार,

तेरी गूंजे जय जयकार मने अच्छा लागे से,

माता अंजनी के लाल तेरी कोई ना मिसाल,

तेरा चोला लाल लाल मन्ने अच्छा लागे से,

तेरे तन में है राम तेरे मन में है राम,

तन्ने कहना राम-राम मने अच्छा लागे से ॥


मैं तो हो गया था बड़ा मजबूर बालाजी,

चरणों से हो गया था दूर बालाजी,

तेरे नाम का यो चढ़ गया सरूर बालाजी,

तेरी भक्ति से हो या मशहूर बालाजी,

तूने भरदी मेरी गोज तेरी कृपा से मौज,

तेरे दर पे आना रोज मने अच्छा लागे से,

तेरे तन में है राम तेरे मन में है राम,

तन्ने कहना राम-राम मने अच्छा लागे से ॥


तेरे ऊंचे ऊंचे देखूं जो निशान बाला जी,

दिल में जगे सै अरमान बाला जी,

तूने भर दी मेरी गोज तेरी कृपा से मौज,

तेरे दर पे आना रोज मने अच्छा लागे से,

तेरे तन में है राम तेरे मन में है राम,

तन्ने कहना राम-राम मने अच्छा लागे से ॥


तेरे ऊंचे ऊंचे देखूं जो निशान बाला जी,

दिल में जगे सै अरमान बाला जी,

तुने जग में करी है ऊंची शान बाला जी,

देख दुनिया बड़ी है परेशान बाला जी,

नरसी धरता तेरा ध्यान अटकी तेरे में ही जान,

मित्तल करता गुणगान मन्ने अच्छा लगे से,

तेरे तन में है राम तेरे मन में है राम,

तन्ने कहना राम-राम मने अच्छा लागे से ॥


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इस अखाड़े ने युद्ध में औरंगजेब को हराया

महानिर्वाणी अखाड़ा भारत के प्राचीन और प्रतिष्ठित अखाड़ों में से एक है, जिसका संबंध शैव संप्रदाय से है। अखाड़े का मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में है। वहीं इसके आश्रम ओंकारेश्वर, काशी, त्र्यंबकेश्वर, कुरुक्षेत्र, उज्जैन व उदयपुर में मौजूद है।

जानें आवाहन अखाड़े के बारे में सबकुछ

महाकुंभ की शुरुआत में अब 1 महीने का समय बचा है। लगभग सभी अखाड़े प्रयागराज भी पहुंच चुके हैं। लेकिन इन दिनों शैव संप्रदाय का एक अखाड़ा चर्चा में बना हुआ है।

पूजा में हवन क्यों किया जाता है?

हवन की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। अग्नि को देवताओं का प्रतीक मानते हुए, हवन या यज्ञ के माध्यम से ईश्वर की उपासना की जाती है।

इस अखाड़े के पास है हजार करोड़ की संपत्ति?

हिंदू धर्म के 13 अखाड़ों में निरंजनी अखाड़ा प्रमुखता से जाना जाता है । शैव संप्रदाय का यह अखाड़ा साधु संतों की संख्या में दूसरे नंबर पर आता है। इसकी खास बात है कि यहां के 70 फीसदी से ज्यादा संत डिग्रीधारक होते है। कोई डॉक्टर होता है, तो कोई इंजीनियर, तो कोई प्रोफेसर।

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