तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
बाल समय रवि को मुख रखा,
जग में हुआ अँधियारा,
राम दास को ग्रसित किया है,
इंद्र ने वज्र से मारा,
हो गए पवन दुखारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
आप अगर ना होते सहायक,
राम ना नायक होते,
आप कृपा ना करते हे स्वामी,
हम भी ना गायक होते,
पूजे ये दुनिया सारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
तुम राम के पुजारी,
हो बाल ब्रम्हचारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी,
विनती सुनो हमारी,
बजरंग गदाधारी ॥
मैंने पाया नशा है,
मेरा बस तुझमे,
सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित किया है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। इस दिन दान करना बेहद ही शुभ माना गया है। इस दिन दान पुण्य करने की मान्यता है।
नमामि श्री गणराज दयाल,
करत हो भक्तन का प्रतिपाल,
माता अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न और धन की देवी के रूप में स्थान प्राप्त है। माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा के कृपा से ही पृथ्वी लोक के सभी जीवों को खाने के लिए भोजन या अन्न प्राप्त होता है।