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सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

सज धज के बैठी है माँ, लागे सेठानी (Saj Dhaj Ke Baithi Hai Maa Laage Sethani)

सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

किसने मैया जी तेरी चुनरी बनाई,

चुनरी बनाई तेरे सिर पे सजाई,

चुनरी में तार हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

किसने मैया जी तेरी पायल बनाई,

पायल बनाई तेरे पैरो में पहनाई,

पायल में घुंघरू हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

किन किन हाथों में मैया मेहंदी लगाऊं,

मेहंदी लगाऊं तेरे हाथों में रचाऊं,

मैया जी के हाथ है हजार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


मेरी माता के नवराते है आए,

मेरी मैया के नवराते है आए,

सब मिलकर माँ की ज्योति जगाए,

‘रवि’ लगाए जय जयकार,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥


सज धज के बैठी है माँ,

लागे सेठानी,

लागे सेठानी ओ मेरी माँ,

लागे सेठानी,

सज धज के बैठी है मां,

लागे सेठानी ॥

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चैती छठ और कार्तिक छठ में अंतर

छठ का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस त्योहार का खास महत्व है। छठ का महापर्व छठी माता और सूर्य देव को समर्पित है।

छठ 2 बार क्यों मनाई जाती है

चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले छठ पर्व को 'चैती छठ' और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले पर्व को 'कार्तिकी छठ' कहा जाता है। ये पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 कन्या पूजन

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के साथ समाप्त होगी। साथ ही, 7 अप्रैल को नवरात्रि का पारण किया जाएगा।

चैती छठ के चार दिनों में क्या होता है

चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। इस बार चैत्र छठ एक अप्रैल से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल को संध्या अर्घ्य और चार अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ गुरुवार को समाप्त होगी।

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