मैया सुनले मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैं भी हार के आया तेरे पास,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैया सुनलें मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए ॥
कहते है सारे तू है सबका सहारा,
तेरे दर आता दुनिया का हर हारा,
कहते है सारे तू है सबका सहारा,
तेरे दर आता दुनिया का हर हारा,
तेरे हाथों में है मैया मेरी लाज,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैया सुनलें मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए ॥
दुनिया ने तेरे होते मुझे ठुकराया,
तुझपे भरोसा कर तेरे दर आया,
दुनिया ने तेरे होते मुझे ठुकराया,
तुझपे भरोसा कर तेरे दर आया,
मेरा टूटे नहीं माँ विश्वास,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैया सुनलें मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए ॥
तेरे मन में है क्या ये तो तू ही जाने,
पर मेरा दिल मैया इतना ही माने,
मुझे रख लेगी अपने तू साथ,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैया सुनलें मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए ॥
मैया सुनले मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैं भी हार के आया तेरे पास,
सहारा मुझे दे दातिए,
मैया सुनलें मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए ॥
गणेश चतुर्थी को गणपति जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संपूर्ण विधि-विधान के साथ घर में एक दिन, दो दिन, तीन दिन या फिर 9 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना की जाती है।
गणेश चतुर्थी की शुरुआत भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और यह पर्व चतुर्दशी तिथि को समाप्त होता है। यह 10 दिनों तक चलने वाला भव्य उत्सव होता है।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था।
सनातन धर्म में भाद्रपद माह को सभी माह में विशेष माना जाता है। इस माह को भगवान कृष्ण के जन्म से जोड़ा गया है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।