मैया के पावन चरणों में,
तू सर झुका के देख ले,
देती है वरदान सबको,
तू भी आके देख ले,
मैया के पावन चरणो में,
शेरावाली की जय,
मेहरावाली की जय ॥
माँ तेरे घट घट की जाने,
इसको क्या बतलायेगा,
मांगने की क्या ज़रूरत,
ऐसे ही मिल जाएगा,
भोली भाली मैया को बस,
तू रिझा कर देख ले,
देती है वरदान सबको,
तू भी आके देख ले,
मैया के पावन चरणो में,
शेरावाली की जय,
मेहरावाली की जय ॥
सच्चे भक्तों से मिलने का,
माँ को रहता चाव है,
रोली मोली चुनरी से,
बढ़कर तेरे भाव है,
प्रेम के दो बूँद आंसू,
तो बहकर देख ले,
देती है वरदान सबको,
तू भी आके देख ले,
मैया के पावन चरणो में,
शेरावाली की जय,
मेहरावाली की जय ॥
माँ सदा करती रखवाली,
भक्तों के परिवार की,
सारा जग जाने है महिमा,
मैया के दरबार की,
‘बिन्नू’ मैया दौड़ी आये,
तू बुलाकर देख ले,
देती है वरदान सबको,
तू भी आके देख ले,
मैया के पावन चरणो में,
शेरावाली की जय,
मेहरावाली की जय ॥
मैया के पावन चरणों में,
तू सर झुका के देख ले,
देती है वरदान सबको,
तू भी आके देख ले,
मैया के पावन चरणो में,
शेरावाली की जय,
मेहरावाली की जय ॥
आस्था की संगम नगरी प्रयागराज इस समय महाकुंभ के रंग में पूरी तरह रंगी हुई है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस महाकुंभ के लिए भारत के विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत भव्य पेशवाई के साथ महाकुंभ नगर में प्रवेश कर चुके हैं।
प्रयागराज का महाकुंभ अपने आप में एक अद्भुत नजारा है। लाखों श्रद्धालुओं के साथ-साथ, हजारों साधु-संत भी यहां आते हैं। इनमें नागा साधुओं का अपना ही महत्व है। इनका कठोर तप और त्याग सभी को प्रेरित करता है।
महाकुंभ में सबसे खास होता है शाही स्नान, शाही स्नान के साथ-साथ इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु भी होते हैं। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान किया जा चुका है, जिसमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।
सत्यनारायण व्रत एक पवित्र और शक्तिशाली धार्मिक अनुष्ठान है जो भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा से भी भर देता है।