मैया बधाई है बधाई है,
बाबा बधाई है बधाई है,
ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,
ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,
मैया बधाईं है बधाईं है,
बाबा बधाई है बधाई है ॥
घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,
श्याम दीवाने गावे बधाई है,
घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,
श्याम दीवाने गावे बधाई है,
मन में है अति ख़ुशी छाई है,
मैया बधाईं है बधाईं है,
बाबा बधाई है बधाई है ॥
भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,
द्वारे पे बाजे शहनाई है,
भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,
द्वारे पे बाजे शहनाई है,
बाबा ने सम्पती लुटाई है,
मैया ने बधाई बंटवाई है,
मैया बधाईं है बधाईं है,
बाबा बधाई है बधाई है ॥
मैया बधाईं है बधाईं है,
बाबा बधाई है बधाई है,
ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,
ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,
मैया बधाईं है बधाईं है,
बाबा बधाई है बधाई है ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन मां भगवती त्रिपुर भैरवी की जयंती मनाई जाती है। यह दिन मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति के रूप में मनाया जाता है जो शक्ति और साधना की प्रतीक हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।
ज्योतिष शास्त्र में बुधदेव को सभी ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है और इन्हें ज्ञान, वाणी, बुद्धि और व्यापार का कारक माना जाता है।
राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,