लागी लागी है लगन,
म्हाने श्याम नाम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की,
म्हारे नैणा के झरोखें में है,
सूरत श्याम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की ॥
श्याम की धुन में मगन रवा म्हे,
नित सांवरिये का भजन करा म्हे,
है खुराक श्याम नाम माला,
सुबह शाम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की ॥
मिटे ना मिटाया प्रीत और गहरी हो गई,
प्रेम रोग लाग्यो मैं तो बन गई जोगी,
मैं तो रंगली म्हारी चुनड़ीया,
श्याम नाम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की ॥
ओरा ने बुलावा जद करे है बहानो,
श्याम ही जाणे सांचो साथ निभानो,
झूठी दुनिया की प्रीत,
‘गोलू’ काई काम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की ॥
लागी लागी है लगन,
म्हाने श्याम नाम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की,
म्हारे नैणा के झरोखें में है,
सूरत श्याम की,
भागी भागी म्हारे हिवड़े ने,
यारी श्याम की ॥
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।
सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के दुखों को हर लेते हैं। इस दिन माताएं अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करना बेहद आवश्यक माना गया है।
हिन्दू धर्म में सकट चौथ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है। यह मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की होती है।