कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
भूल गयी मेने दियो ना
या के माथे बीच डिठौना
रोये ओये रुदन करे मेरो वारो
एजी तोड़ दियो है खिलौना
दूध ना पीवे लाला
दही ना खावे
दूध ना पीवे लाला
दही ना खावे
खावे ना माखन लौना
रोय रोय रुदन करे मेरो वारो
दिए सब फोड़ खिलौना
के कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
भूल गयी मैंने कियो ना
माथे बीच टीका
न्हावे ना धोवे
सुध बिसराव
आँख ना खोले मेरा छोना
के कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
पहले समझायो मैंने लाल को
इन सखियों संग नाचो ना
या ग्वालिन की नजरबुरी है
बर्जयो ते मानो ना
के कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
बोली ललिता
और विशाखा,
यशोदा मैया बात सुनो ना
राई नोन वारो लाल पे,
और धर दियो बीच डिठौना
के कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
करो उतरो देदई* धूनी
यशोदा बिलम# करो ना
नैना खुल गए मनमोहन के
मुस्काए मन मोहना
के कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
कौन सी ने मार दियो री टोना
के मेरो मचले ओ श्याम सलोना
होलाष्टक फागुन मास के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक मनाया जाता है। पुराणिक कथाओं के अनुसार ये 8 दिन किसी शुभ कार्य के लिए उचित नहीं माने जाते I
होलाष्टक की तिथि शुभ कार्य के लिए उचित नहीं मानी जाती है, इन तिथियों के अनुसार इस समय कुछ कार्य करने से सख्त मनाही होती है। क्योंकि इन्हीं दिनों में भक्त प्रह्लाद पर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत अत्याचार किया था।
होलाष्टक की तिथि माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक होती है। यह समय पुराणिक कथाओं के अनुसार महत्वपूर्ण माना जाता है I
फाल्गुन मास का प्रारंभ होते ही हिंदू धर्म में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं। फाल्गुन मास में मनाए जाने वाला रंगों का त्यौहार जिसे हम होली कहते हैं।