अपने भगत की,
आँख में आँसू,
देख ना पाएगा,
जब जब भी श्याम दिवानों के,
सर पे संकट मंडराएगा,
कन्हैया दौड़ा आएगा,
अपने भगतों के लिए,
कुछ भी कर जाएगा,
कन्हैया दौडा आएगा ॥
जब दूर सवेरा हो,
घनघोर अंधेरा हो,
मेरे श्याम की आस लगाए जा,
तू छोड़ दे नैया को,
बस श्याम भरोसे पर,
बस श्याम नाम गुण गाये जा,
बनकर के माझी साँवरिया,
भव सागर पार करायेगा,
कन्हैया दौडा आएगा
कन्हैया दौडा आएगा ॥
हर एक मुसीबत ही,
खुद हल हो जाएगी,
जब मोरछड़ी लहरायेगा,
गोदी में बैठाकर के,
सीने से लगाकर के,
तेरे सिर पर हाथ फिरायेगा,
जितने भी अश्क बहे तेरे,
हर एक का मोल चुकाएगा,
कन्हैया दौडा आएगा
कन्हैया दौडा आएगा ॥
विश्वास की डोरी को,
तू थाम ले कस कर के,
बाँका ना होगा बाल तेरा,
साये सा ‘तरुण’ तेरे,
संग चलता जाएगा,
ये बनकर के रखवाल तेरा,
संकट पे संकट बनकर के,
मेरा श्याम स्वयं चढ़ जाएगा,
कन्हैया दौडा आएगा
कन्हैया दौडा आएगा ॥
अपने भगत की,
आँख में आँसू,
देख ना पाएगा,
जब जब भी श्याम दिवानों के,
सर पे संकट मंडराएगा,
कन्हैया दौड़ा आएगा,
अपने भगतों के लिए,
कुछ भी कर जाएगा,
कन्हैया दौडा आएगा ॥
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है।
हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। भक्तों को इस दिन गणपति की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना जरूर करना चाहिए।
सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और केले के वृक्ष की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही व्रत रखा जाता है।