जन मानस में गूंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
प्राणो का आधार बना है,
जय श्री राम जय श्री राम,
भारत वर्ष हमारा,
हुआ राममय सारा,
एक सभी की मंजिल,
एक सभी का नारा,
जय श्री राम जय श्री राम,
कौशल नंदन जय श्री राम,
जानकी वल्लभ जय श्री राम,
झूम के हर कोई बोल उठा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
जन मानस में गुंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम ॥
भक्त ह्रदय है पावन मंदिर,
जिसमे राम विराजित है,
कारसेवकों के उमड़े दल,
प्रभु सेवा में अर्पित है,
राम लला का द्वारा,
प्राणो से भी प्यारा,
एक सभी की मंजिल,
एक सभी का नारा,
जय श्री राम जय श्री राम,
कौशल नंदन जय श्री राम,
जानकी वल्लभ जय श्री राम,
प्रेम भरा है जोश भरा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
झूम के हर कोई बोल उठा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
जन मानस में गुंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम ॥
रण वन विपदा व्याधि हो,
या जीवन संग्राम,
वह विजय एक बार जो,
बोले जय श्री राम,
बोले जय श्री राम।
कलयुग केवल नाम अधारा,
सुमिर सुमिर उतरहि पारा।
राम ही तारण हारा,
माझी नाव किनारा,
एक सभी की मंजिल,
एक सभी का नारा,
जय श्री राम जय श्री राम,
कौशल नंदन जय श्री राम,
जानकी वल्लभ जय श्री राम,
राम से राम का नाम बड़ा है,
जय श्री राम जय श्री राम ॥
राम ना हो तो हम जैसो को,
क्या जग में पहचान मिले,
राम कृपा से राम दरश हो,
श्री चरणो मे स्थान मिले,
दुष्टो को संहारा,
भक्तों का रखवारा,
एक सभी की मंजिल,
एक सभी का नारा,
जय श्री राम जय श्री राम,
कौशल नंदन जय श्री राम,
जानकी वल्लभ जय श्री राम,
जन मानस में गुंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम ॥
जन मानस में गूंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
प्राणो का आधार बना है,
जय श्री राम जय श्री राम,
भारत वर्ष हमारा,
हुआ राममय सारा,
एक सभी की मंजिल,
एक सभी का नारा,
जय श्री राम जय श्री राम,
कौशल नंदन जय श्री राम,
जानकी वल्लभ जय श्री राम,
झूम के हर कोई बोल उठा है,
जय श्री राम जय श्री राम,
जन मानस में गुंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम ॥
हनुमान जयंती पर देशभर में भक्त बजरंगबली की पूजा-अर्चना में जुटे हैं। इस बार यह पर्व 12 अप्रैल 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
इस बार की हनुमान जयंती बेहद खास रहने वाली है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास रखने और सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण व्रत है। इसे हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।
वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत मनाया जाता है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत फलदायक माना गया है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और मंगलकर्ता हैं।