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जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे,

कोई संकट आता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जिसके घर में जलती है,

बजरंगबली की ज्योति,

उसके घर में किसी चीज की,

कभी कमी ना होती,

उस घर में धन दौलत बाबा,

खुद बरसाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


नहीं तेरे सुनवाई होइये,

ना मुमकिन है भैया,

सुख में दुःख में बजरंगी ही,

साथ निभाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जड़ से खत्म करे संकट को,

वो भारी से भारी,

इसके जैसा बलि ना कोई,

देखि दुनिया सारी,

‘नरसी’ तभी तो ये,

संकट मोचन कहलाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जब जब इनके भक्तों पे,

कोई संकट आता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥

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मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

माघ कृष्ण की षट्तिला एकादशी (Magh Krishna ki Shattila Ekaadashee)

एक समय दालभ्यजी ने प्रजापति ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य जी से प्रश्न किया कि प्रभो! क्या कोई ऐसी भी शक्ति या उपाय है कि जिसके करने से ब्रह्महत्या करने इत्यादि के कुटिल कर्मों के पापों से मनुष्य सरलता पूर्वक छूट जाय भगवन् !

माघ शुक्ल की जया नाम की एकादशी (Magh Shukal Ki Jya Naam Ki Ekadashi)

पाण्डुनन्दन भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़ कर नम्रता पूर्वक बोले हे नाथ ! अब आप कृपा कर मुझसे माघ शुक्ल एकादशी का वर्णन कीजिए उस व्रत को करने से क्या पुण्य फल होता है।

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

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