Logo

भज मन, राधे, राधे, गोविंदा (Bhaj Man Radhe Govinda)

भज मन, राधे, राधे, गोविंदा (Bhaj Man Radhe Govinda)

भज मन, राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

भज मन, राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

गोविंदा, गोविंदा, गोविंदा राधे

गोविंदा, गोविंदा, गोविंदा राधे

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा


भज मन, राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

भज मन, राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

भज मन, राधे, (राधे) राधे, (राधे) राधे गोविंदा

राधे, राधे, राधे, राधे, राधे गोविंद राधे ।

........................................................................................................
ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली ‘मासिक शिवरात्रि’ भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली व्रत माना जाता है।

ज्येष्ठ माह के 10 बड़े त्योहार

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास वर्ष का तीसरा महीना होता है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह मास सूर्य की प्रचंडता और तपस्या के लिए समर्पित होता है।

साल में 2 बार क्यों मनाई जाती है वट सावित्री

भारत की परंपराएं अपनी गहराई और आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती हैं। इन्हीं परंपराओं में एक प्रमुख स्थान रखता है ‘वट सावित्री व्रत’, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-शांति और अखंड सौभाग्य की कामना से करती हैं।

वट सावित्री व्रत की तिथि और मुहूर्त

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सुखद वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang