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ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


तीनों लोकन हूँ में नाय

तीनों लोकन हूँ में नाय

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


तीन ठौर ते टेढ़ो दिखे

नट किसी चलगत यह सीखे

टेड़े नैन चलावे तीखे

सब देवन को देव, सब देवन को देव

ताऊ ये ब्रज में घेरे गाय


ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


ब्रह्मा मोह कियो पछतायो

दर्शन को शिव ब्रज में आयो

मान इंद्र को दूर भगायो

ऐसो वैभव वारो, ऐसो वैभव वारो

ताऊ ये ब्रज में गारी खाए


ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


बड़े बड़े असूरन को मारयो

नाग कालिया पकड़ पछाड़ो

सात दिना तक गिरिवर धारयो

ऐसो बलि ताऊ, ऐसो बलि ताऊ

खेलत में ग्वालन पे पीट जाय


ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


रूप छबीलो है ब्रज सुंदर

बिना बुलाए डोले घर घर

प्रेमी ब्रज गोपीन को चाकर

ऐसो प्रेम बढ्यो, ऐसो प्रेम बढ्यो

माखन की चोरी करवे जाए


ऐसो ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


ऐसो ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


तीनों लोकन हूँ में नाय

तीनों लोकन हूँ में नाय


हो सखी, ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय


ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर

तीनों लोकन हूँ में नाय

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14 फरवरी 2025 का पंचांग

आज इस पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर अतिगण्ड और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा सिंह राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।

महाकुंभ के बाद नागा साधु कहां जाते हैं

कुंभ जैसे विशेष अवसरों पर दिखने वाले नागा साधु कुंभ समाप्त होते ही अचानक कहां गायब हो जाते हैं? यह एक रहस्यमयी प्रश्न है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान तीनों अमृत स्नान पूरे हो चुके हैं, और अब अखाड़ों का खाली होना शुरू हो गया है।

अगला कुंभ कहां और कब लगेगा?

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों - हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह आयोजन समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथा पर आधारित है।

होलिका दहन की कथा और मुहूर्त

सनातन हिंदू धर्म में, होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसकी धूम पूरे विश्व में है। दिवाली के बाद हिंदू धर्म में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाने वाला होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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