विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी के दिन विधिवत रूप से पूजा करने से जीवन से विघ्न-बाधाएं दूर होते हैं। साथ ही, सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष विनायक चतुर्थी 1 अप्रैल को सुबह 5:42 बजे से शुरू होकर 2 अप्रैल को दोपहर 2:32 बजे तक रहेगी। इस साल विनायक चतुर्थी पर खास संयोग बन रहा है, जिससे पूजा अधिक प्रभावशाली होगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिवत रूप से पूजा करने से आपके जीवन के सभी विघ्न-बाधाएं भगवान श्री गणेश हर लेते हैं। इसलिए इस दिन पूजा करने की सही विधि जानना जरूरी है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से जीवन में कभी भी किसी बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष विनायक चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग बन रहा है, जो आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करेगा। साथ ही, रवि योग का प्रभाव भी रहेगा, जो सभी शुभ कार्यों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
हिंदू धर्म में चंद्रमा को देवता समान माना जाता है और उनकी पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। चंद्र दर्शन का विशेष महत्व अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन करने से जुड़ा हुआ है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित है।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।