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राम नवमी उपाय 2025

राम नवमी उपाय 2025

Ram Navami Upay: राम नवमी पर जरूर करें ये 5 उपाय, आपकी सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण 

हिन्दू धर्म में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला राम नवमी पर्व एक प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार को हिन्दू धर्म के लोग प्रभु श्रीराम की जयंती के रूप में मनाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि आज ही के दिन अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के आंगन में भगवान राम का जन्म हुआ था। आइए, इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि इस दिन हमें कौन से ऐसे 5 उपाय करने चाहिए जिससे प्रभु श्रीराम हमारे घर आएंगे और हमारा आंगन सजाएंगे। 

रामायण का पाठ 

ऐसी मान्यता है कि राम नवमी के दिन श्रद्धालु को महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का पाठ जरूर करना चाहिए। रामायण का पाठ करने से घर में किसी प्रकार की सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है। घर हमेशा धनों से पूर्ण रहता है। साथ ही व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और वह पापरहित हो जाता है। 

हनुमान चालीसा का पाठ 

अगर आप लम्बे समय से किसी बीमारी के पीड़ित है और वह बीमारी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो राम नवमी के दिन आपको भगवान श्रीराम के बेहत प्रिय भगवान हनुमान जी के चालीसा का पाठ करना चाहिए। ज्ञात हो कि अगर आप राम नवमी के दिन सूर्यास्त के समय किसी मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आप अपनी बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। 

'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर आप लम्बे समय से संतान सुख से वंचित हैं और संतान प्राप्ति चाहते हैं तो आपको राम नवमी के दिन 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे कि इस दिन किसी मंदिर में जाएं और एक नारियल लें और उसे लाल रंग के वस्त्र में लपेटकर माता सीता को अर्पित कर दें। इसके बाद 108 बार इस मंत्र का जाप करें। 

'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नमः' मंत्र का जाप 

भगवान श्रीराम की जयंती के दिन अगर आप 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्रीं नमः' मंत्र का 108 बार मंत्रोच्चारण या जाप करते हैं तो इससे घर में अगर कोई वास्तु दोष होता है तो वह समाप्त हो जाता है। ज्ञात हो कि इस दिन आप गंगाजल लेकर इस मंत्र का जाप करें और उसके बाद पूरे घर में उस गंगाजल को छिड़क दें। 

घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं 

उपरोक्त चार उपायों के अलावा आप राम नवमी के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर 11 दीपक प्रज्वलित करें। इससे आपको धन-समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। 

बहरहाल, राम नवमी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना करें और इन सभी उपायों को करें। इसके बाद आपके जीवन में जो भी परेशानियाँ होंगी वो सभी समाप्त हो जाएंगी और आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। 


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चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर

सनातन परंपरा में नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला चैत्र के महीने में, जिससे हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। दूसरा, आश्विन माह में आता है, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं।

चैत्र नवरात्रि कथा

चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष के साथ आती है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी।

शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

सनातन धर्म में गुरु ही हमें सही और गलत की समझ देते हैं और अच्छे-बुरे का अंतर सिखाते हैं। गुरुओं की महत्ता हमारी संस्कृति में सदियों से रही है। यहां तक कि गुरु को भगवान से भी ऊँचा दर्जा प्राप्त है।

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