हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के प्रत्येक अवतार का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। उन्हीं में से एक है भगवान नरसिंह का अवतार, जिसे विष्णुजी का चौथा अवतार माना गया है। इस अवतार में भगवान ने आधे सिंह और आधे मानव का रूप लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और अत्याचारी राक्षस हिरण्यकश्यप का वध किया था। यह दिव्य लीला न केवल धर्म की विजय का प्रतीक है, बल्कि भक्त और भगवान के अटूट प्रेम को भी दर्शाती है। भगवान नरसिंह के प्रकट होने का यह पर्व नरसिंह जयंती कहलाता है, जिसे वैशाख शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है।
इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 10 मई, शाम 5:29 बजे से होगी और इसका समापन 11 मई, रात 8:01 बजे तक होगा। सूर्योदय के अनुसार, नरसिंह जयंती 11 मई, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन भक्तगण पूरे दिन उपवास रखते हैं, भगवान नरसिंह की विधिवत पूजा करते हैं और रात्रि में व्रत कथा सुनकर आरती करते हैं।
शांति के दूत है हम
शांति के हैं हम पूजारी
रमतो भमतो जाय,
आज माँ नो गरबो रमतो जाय,
रण में आयी देखो काली,
खून से भरने खप्पर खाली,
रंग बरसे लाल गुलाल,
हो गुलाल,