हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है, और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, भगवान विष्णु की उपासना से धन, सुख-समृद्धि और शांति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को बेहद शुभ माना गया है और कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से आर्थिक तंगी दूर होती है और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं कामदा एकादशी का महत्व, पूजा विधि और ज्योतिषीय उपाय।
कामदा एकादशी 2025 की तिथि: इस वर्ष यह पावन तिथि 8 अप्रैल को पड़ रही है।
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से राक्षस जाति का एक गंधर्व ललित अपनी पत्नी को पुनः प्राप्त कर सका था। इस व्रत से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
कामदा एकादशी पर करें ये ज्योतिषीय उपाय
सुबह जल्दी उठकर गंगाजल मिले जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। विष्णु जी को पीले वस्त्र पहनाएं और पंचामृत से अभिषेक करें। फिर फूल, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। व्रत के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और भगवान विष्णु को फल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। रात में भगवान विष्णु के भजन गाएं और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को दान दें।
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 24 एकादशी होती है। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है।
शास्त्रों के अनुसार देव उठनी एकादशी भगवान् श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना के लिए श्रेष्ट दिन है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की तिथि को देव उठनी एकादशी मनाई जाती है।
पौराणिक मान्यता है कि देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से जाग कर एक बार पुनः संसार के संचालन की कमान अपने हाथों में ले लेते हैं।
सनातन धर्म में सभी तिथि किसी ना किसी देवी-देवता को ही समर्पित है। इसी प्रकार से हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होती है।