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जून के दूसरे हफ्ते के व्रत-त्योहार की लिस्ट

जून के दूसरे हफ्ते के व्रत-त्योहार की लिस्ट

Weekly Vrat Tyohar 09 To 15 June 2025: संकष्टी चतुर्थी से लेकर ज्येष्ठ पूर्णिमा तक, जून के दूसरे हफ्ते में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार

Weekly Vrat Tyohar 09 To 15 June 2025: जून का दूसरा हफ्ता धार्मिक रूप से काफी खास रहने वाला है। जून के दूसरे हफ्ते में कई बड़े व्रत और त्योहार आएंगे, जिनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु, गणेश जी और देवी सावित्री की पूजा का महत्व रहेगा। इन व्रतों को करने से न केवल जीवन में सुख-शांति आती है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी ये दिन अत्यंत फलदायक माने जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस हफ्ते कौन-कौन से खास व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं और उनका क्या महत्व है।

मंगलवार, 10 जून - वट सावित्री व्रत और वट पूर्णिमा

10 जून को वट सावित्री व्रत और वट पूर्णिमा दोनों एक साथ मनाए जाएंगे। यह व्रत खासतौर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और उसके चारों ओर कच्चा सूत (धागा) लपेटती हैं। इस व्रत की कथा सावित्री और सत्यवान से जुड़ी है, जिसमें सावित्री ने अपने पति को यमराज से भी बचा लिया था। इस दिन बरगद के पेड़ की छांव में बैठकर कथा सुनने से विशेष पुण्य मिलता है।

बुधवार, 11 जून - कबीर जयंती और ज्येष्ठ पूर्णिमा

11 जून को संत कबीरदास जी की जयंती मनाई जाएगी। कबीरदास जी एक महान संत और कवि थे जिन्होंने समाज में एकता, प्रेम और भक्ति का संदेश दिया। इस दिन उनके दोहे और उपदेश याद किए जाते हैं। इसके साथ ही 11 जून को ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा भी है, जिसे विष्णु पूजा और स्नान-दान के लिए शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन गंगा स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं।

शनिवार, 14 जून - संकष्टी चतुर्थी

14 जून को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। इसे संकट से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना जाता है। इस दिन उपवास रखा जाता है और रात को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा से करने पर जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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मार्गशीर्ष के देवता

श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।

मार्गशीर्ष की अशुभ तिथियां

धार्मिक मान्यता है मार्ग शीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण को अधिक प्रिय माना जाता है। यही वजह है कि इस दौरान तामसिक भोजन ना करने की सलाह भी धार्मिक ग्रंथो में दी जाती है।

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, पूजा विधि

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।

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