जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तब उसे संक्रांति कहते हैं और जब सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं तो इसे राशि के अनुसार वृश्चिक संक्रांति के नाम से जाना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पूजा-पाठ करने से और स्नान-दान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। लेकिन आज़ के दिन सूर्य चालीसा का पाठ का सबसे अधिक महत्व है। विधि पूर्वक पूजन पाठ करने के साथ इस दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए।
दोहा
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कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।
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चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।
भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर।
विवस्वान, आदित्य, विकर्तन, मार्तण्ड, हरिरूप, विरोचन।
अम्बरमणि, खग, रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते।
सहस्रांशु, प्रद्योतन, कहि कहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि।
अरुण सदृश सारथी मनोहर, हांकत हय साता चढ़ि रथ पर।
मंडल की महिमा अति न्यारी, तेज रूप केरी बलिहारी।
उच्चैश्रवा सदृश हय जोते, देखि पुरन्दर लज्जित होते।
मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता,
सूर्य, अर्क, खग, कलिहर, पूषा, रवि,
आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै।
द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै।
चार पदारथ सो जन पावै, दुख दारिद्र अघ पुंज नसावै।
नमस्कार को चमत्कार यह, विधि हरिहर कौ कृपासार यह।
सेवै भानु तुमहिं मन लाई, अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई।
बारह नाम उच्चारन करते, सहस जनम के पातक टरते।
उपाख्यान जो करते तवजन, रिपु सों जमलहते सोतेहि छन।
अस जोजजन अपने न माहीं, भय जग बीज करहुं तेहि नाहीं।
दरिद्र कुष्ट तेहिं कबहुं न व्यापै, जोजन याको मन मंह जापै।
अंधकार जग का जो हरता, नव प्रकाश से आनन्द भरता।
ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही, कोटि बार मैं प्रनवौं ताही।
मन्द सदृश सुतजग में जाके, धर्मराज सम अद्भुत बांके।
धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा, किया करत सुरमुनि नर सेवा।
भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों, दूर हटत सो भव के भ्रम सों।
परम धन्य सो नर तनधारी, हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी।
अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन, मध वेदांगनाम रवि उदय।
भानु उदय वैसाख गिनावै, ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै।
यम भादों आश्विन हिमरेता, कातिक होत दिवाकर नेता।
अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं, पुरुष नाम रवि हैं मलमासहिं।
दोहा
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भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।
सुख सम्पत्ति लहै विविध, होंहि सदा कृतकृत्य।।
साल 2025, कुंभ राशि वालों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से सामान्य रहेगा। अगर कुंभ राशि के जातक अनुशासित जीवनशैली अपनाते हैं और समय पर सावधानियां बरतते हैं। तो वे इस साल सेहतमंद जीवन जी सकते हैं।
साल 2025 में, मीन राशि के जातकों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। मानसिक रूप से ये पहले की तुलना में अधिक मजबूत और स्थिर महसूस करेंगे। यह साल इन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलवाएगा।
साल 2025, करियर के मामले में वृषभ राशि के जातकों के लिए सकारात्मक रहेगा। साल के मध्य के बाद आपको नौकरी में उन्नति या नए अवसर प्राप्त होंगे। यदि, आप स्वयं का व्यवसाय करते हैं। तब आपको सही दिशा में मेहनत करने से लाभ होगा।
साल 2025, मेष राशि वालों के लिए असीमित संभावनाओं वाली होगी। इस साल मेष राशि के जातकों को मेहनत और संघर्ष से कई सफलताएं मिलने की संभावना है। जनवरी से मार्च तक पेशेवर जीवन में कुछ बड़े बदलाव हो सकते हैं।