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होली पर लक्ष्मी साधना के 10 उपाय

होली पर लक्ष्मी साधना के 10 उपाय

होली पर करें इन दस उपायों को, जिससे दुर्भाग्य दूर और धन लाभ होगा


होली का त्योहार अत्यंत ही पावन माना जाता है, इस दौरान आप जो भी पूजा करते हैं वह सफल होती है, और भगवान का आशीर्वाद आपको मिल जाता है। इसीलिए इस शुभ समय में लोग अपने घर में समृद्धि और व्यापार में वृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।



होली पर माँ लक्ष्मी की की जाने वाली पूजा विधि


माँ लक्ष्मी की पूजा बहुत तरीकों से की जाती है, लेकिन होली का दिन खास होता है। इसलिए इस दिन कुछ खास उपायों को जरूर करना चाहिए, आइए जानते हैं उनके बारे में:


  • होली की शाम माता लक्ष्मी को खीर का भोग चढ़ाएं। विशेष रूप से कोशिश करें कि खीर शुद्धता से बनी हो, आप चाहें तो उसमें सूखे मेवे भी मिला सकते हैं।
  • अगर घर में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी के चांदी के सिक्के हों तो उन्हें लॉकर से निकाल कर गंगा जल से धो दें। और पूजा स्थान पर रख कर उनकी पूजा करें।
  • होली के एक दिन पहले आप घी के दिये जला कर, उन्हें घर की उत्तर दिशा में रख दें और रात भर जलने दें। इससे घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है और माँ लक्ष्मी घर आती हैं।
  • होलिका दहन की राख को लाल कपड़े में रख कर, पोटलियां बनाकर उन्हें तिजोरी में रख दें, यह आपको धन हानि से बचाता है।



कनकधारा स्तोत्र का पाठ है शुभ


होली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। यह स्तोत्र लक्ष्मी पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है, और इस पाठ के जाप से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।



होली पर करें माँ लक्ष्मी का यह जाप


"ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः" का जाप होली के दिन करें। यह जाप बहुत ही फलदायक है, जिससे घर में कभी धन की कमी नहीं होती है।



तांबे के बर्तन हैं शुभ


होली के दिन माँ लक्ष्मी को तांबे के बर्तन में भोग लगाएं और साथ ही उन्हें तांबे के लोटे में जल चढ़ाएं। तांबे का बर्तन बहुत शुद्ध होता है, इसलिए इसमें चढ़ाया जाने वाला सामान माँ लक्ष्मी स्वीकार करती हैं।


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महाशिवरात्रि के विशेष उपाय

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार आंतरिक शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण के माध्यम से भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

शिवलिंग पर जलाभिषेक क्यों

महाशिवरात्रि भगवान शिव का पवित्र त्योहार है। इस बार शिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था।

शिव के 108 नामों के जाप

26 फरवरी को इस बार महाशिवरात्रि का पर्व है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ है।

भगवान शिव का बेलपत्र, धतूरा और भांग से संंबंध

भगवान शिव को देवा का देव कहा जाता है। शिवरात्रि उनका एक प्रमुख त्योहार है। 26 फरवरी को इस बार शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन शिवलिंग पर जल के साथ बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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