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अक्षय तृतीया गृह प्रवेश मुहूर्त

अक्षय तृतीया गृह प्रवेश मुहूर्त

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर कब और कैसे करें गृह प्रवेश? जानें शुभ मुहूर्त


अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। यदि आप इस दिन गृह प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त और गृह प्रवेश से जुड़े विशेष नियमों को ज़रूर जानें।


गृह प्रवेश का शुभ समय 

इस साल अक्षय तृतीया पर सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक गृह प्रवेश का शुभ मुहूर्त है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस समय गृह प्रवेश करना अत्यंत शुभ माना जाएगा। साथ ही, इस समय के अंदर घर में प्रवेश करने से सकारात्मक ऊर्जा आएगी और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 


गृह प्रवेश की इन रस्मों का करें पालन 

  • गृह प्रवेश से पहले मुख्य द्वार को रंगोली और फूलों से सजाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी-देवताओं का वास होता है।
  • तांबे के कलश में जल भरें और उसमें कुछ सिक्के, कुमकुम तथा हल्दी डालें। इस कलश को घर के मुख्य द्वार पर या पूजा स्थल पर रखें। इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
  • हिंदू धर्म में दाहिने पैर को शुभ माना जाता है और इसे सौभाग्य का प्रतीक समझा जाता है। इसलिए गृह प्रवेश करते समय दाहिना पैर पहले अंदर रखें।
  • शंखनाद से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और वातावरण पवित्र होता है। इसलिए घर में प्रवेश करते समय शंख बजवाएं।


गृह प्रवेश के समय इन बातों का रखें खास ख्याल 

  • गृह प्रवेश के दिन हवन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे घर में शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  • गृह प्रवेश के अवसर पर ब्राह्मण को भोजन कराएं और दक्षिणा दें। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है।
  • अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन नए घर में सोने के कुछ आभूषण खरीदकर लाएं। 
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चैती छठ और कार्तिक छठ में अंतर

छठ का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इस त्योहार का खास महत्व है। छठ का महापर्व छठी माता और सूर्य देव को समर्पित है।

छठ 2 बार क्यों मनाई जाती है

चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले छठ पर्व को 'चैती छठ' और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाए जाने वाले पर्व को 'कार्तिकी छठ' कहा जाता है। ये पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2025 कन्या पूजन

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है और 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के साथ समाप्त होगी। साथ ही, 7 अप्रैल को नवरात्रि का पारण किया जाएगा।

चैती छठ के चार दिनों में क्या होता है

चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ के नाम से जाना जाता है। इस बार चैत्र छठ एक अप्रैल से शुरू होगी, जो तीन अप्रैल को संध्या अर्घ्य और चार अप्रैल को उषा अर्घ्य के साथ गुरुवार को समाप्त होगी।

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