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चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन की पूजा विधि

Navratri 1st Day Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की ऐसे करें पूजा, इससे मिलेगा माता का विशेष आशीर्वाद


हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हिंदू नववर्ष के साथ होती है। यह पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है और पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ऐसा कहा गया है कि नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से अपार धन-संपत्ति और सफलता मिलती है।

कलश स्थापना मुहूर्त और विधि


  • चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना की रीति-रिवाजों के साथ होती है। इस वर्ष कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से 8:30 बजे तक है।
  • धार्मिक दृष्टि से कलश स्थापना ब्रह्म मुहूर्त में या दोपहर के पहले करना अत्यंत शुभ होता है। आइए कलश स्थापना की विधि को समझते हैं।
  • अपने पूजा स्थान को गंगाजल से साफ करें।
  • मिट्टी में जौ मिलाकर, कलश में शुद्ध जल भरें और विधिवत रूप से कलश स्थापना करें।
  • गौरी गणेश का स्मरण करते हुए, दो स्थानों पर कलश का पूजन करें।

मां शैलपुत्री को करें अरहुल का फूल और घी अर्पित


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी शैलपुत्री को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए उन्हें लाल रंग की चीजों को अर्पित करना चाहिए, जैसे अरहुल के फूल, लाल चूड़ियां, लाल रंग के अक्षत, सिंदूर, चंदन और लाल चुनरी। साथ ही, विशेष तौर पर धूप, दीप, पंचामृत और नैवेद्य को शुद्ध घी के साथ चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

धूप, दीया और घंटी से करें मां शैलपुत्री की आरती


सुबह और शाम में धूप, कपूर और दीप जलाकर मां शैलपुत्री की आरती करना अत्यंत फलदायक माना जाता है, इससे मां शैलपुत्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आरती करते समय घंटी बजाने से वातावरण की शुद्धि होती है और घर का माहौल पवित्र होता है। साथ ही, "जय शैलपुत्री माँ, जय जय अम्बे" जैसे आरती-पाठ का उपयोग करना भी मां शैलपुत्री की पूजा में लाभकारी माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आराधना करने से मिलती है धैर्य और शांति


देवी शैलपुत्री हिमालयराज की बेटी हैं, और चैत्र नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की आराधना से शुरू होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को शक्ति, धैर्य और शांति प्राप्त होती है। साथ ही पारिवारिक जीवन में सुख-चैन बना रहता है।

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13 फरवरी 2025 का पंचांग

आज 13 फरवरी 2025 माघ माह का 31वां दिन का है और आज इस पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है।

फाल्गुन मास शुभ मुहूर्त

सनातन हिंदू धर्म में, माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत मानी जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का अंतिम महीना होता है। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।

फाल्गुन महीने में विवाह मुहूर्त

फरवरी महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने का समापन शिवरात्रि के दो दिन बाद होगा। आसान शब्दों में कहें तो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि है। इसके दो दिन बाद मार्च महीने की शुरुआत होगी। इससे पहले फाल्गुन महीने की शुरुआत होगी।

फाल्गुन महीने में व्रत-त्योहार

फाल्गुन’ हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है जिसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। फाल्गुन को हर्ष और उल्लास का महीना माना जाता है। जॉर्जियन कैलेंडर के अनुसार यह महीना फरवरी और मार्च को में पड़ता है।

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