Logo

चैत्र नवरात्रि छठे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि छठे दिन की पूजा विधि

Navratri 6th Day Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की ऐसे करें पूजा, इससे मिलेगा माता का विशेष आशीर्वाद

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की शादी होने में कोई बाधा आती है या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो देवी कात्यायनी की पूजा से उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

मां कात्यायनी पूजन की विशेष सामग्री

मां कात्यायनी की पूजा में यह सामग्री अवश्य रखें, क्योंकि इन सामग्रियों को शामिल करने से आपके वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्या समाप्त हो जाती है। 

  • दूर्वा घास
  • लौंग, इलायची और सुपारी
  • गंगाजल
  • नारियल 
  • फूल, रोली चंदन, अक्षत, हल्दी और सिंदूर
  • शहद, फल और मिठाइयां  
  • घी, दीया और धूपबत्ती

मां कात्यायनी को अर्पित करें दूर्वा घास, लौंग, इलाइची और सुपारी

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और फिर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से साफ और शुद्ध करें।
  • मां कात्यायनी को रोली चंदन से टीका लगाएं और फूल, हल्दी, अक्षत के साथ दूर्वा घास, लौंग, इलायची और सुपारी मां के चरणों में अर्पित करें। 
  • मां कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस खास दिन पर मां को अन्य भोग के साथ शहद जरूर चढ़ाएं।  
  • साथ ही उन्हें नारियल और फलों का भी भोग लगाएं। 
  • फिर दीपक जलाकर पूजा स्थल पर रख दें और माँ कात्यायनी के इस मंत्र का 108 बार जाप करें: "ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः”
  • अंतिम में मां की आरती कर घर के सदस्यों में प्रसाद बांट दें। 

चैत्र नवरात्रि के छठे दिन लगाएं शहद का भोग 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,देवी कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। शहद को प्रेम की मिठास का प्रतीक माना जाता है और इसका भोग मां को चढ़ाने से रिश्तों में मिठास बनी रहती है।

कुंवारी कन्याओं को अवश्य करनी चाहिए मां कात्यायनी की पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा से सभी वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है। कुंवारी कन्याओं को मां कात्यायनी की पूजा विशेष तौर पर करनी चाहिए, जिससे उन्हें योग्य वर मिलता है। देवी कात्यायनी शक्ति, सौंदर्य और ज्ञान की देवी है इनकी पूजा करने से भक्तों को आत्मविश्वास और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।


........................................................................................................
शरद पूर्णिमा की खीर

कोजागरा पूजा जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, मिथिलांचल सहित पूरे उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व है।

चैत्र के साथ कार्तिक मास में भी मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव, जानिए क्या है हनुमान के दो जन्मोत्सव मनाने का रहस्य

बल, बुद्धि और विद्या के देव माने जानें वाले हनुमान जी की जयंती भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण जगह रखती है। यह पर्व उन भक्तों के लिए विशेष होता है जो जीवन में भक्ति, शक्ति और साहस को महत्व देते हैं।

दीवाली से पहले खरीदारी का श्रेष्ठ मुहूर्त

24 अक्टूबर को खरीदारी के लिए दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

कार्तिक माह कब से होगा शुरू

कार्तिक मास का महत्व तो आप इस श्लोक से समझ ही गए होंगे। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang