चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो अपने भक्तों को डर और संकट से मुक्ति दिलाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालरात्रि का अर्थ होता है, काल यानी मृत्यु और भय को भी अपने वश में करने वाला, जिन्हें हम मां कालरात्रि के नाम से जानते हैं। मां कालरात्रि की पूजा से भय खत्म होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मां कालरात्रि की पूजा में इन सभी सामग्रियों का विशेष रूप से उपयोग करें, इससे भय और कष्ट की समाप्ति होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि की पूजा से अनेक लाभ होता हैं। मां कालरात्रि अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। साथ ही उन्हें भय और बुरी शक्तियों से भी बचाती हैं। चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विधिवत रूप से पूजा करें। इससे सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है, तथा तनाव से मुक्ति मिलती है और मानसिक स्थिरता बनी रहती है।
नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं
नमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।
प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||
गीत सुनाऊँ अद्भुत यार | धारण से हो बेड़ा पार ||२||
हे पितरेश्वर नमन आपको, दे दो आशीर्वाद,
चरणाशीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ।
श्री गुरु पद पंकज नमन, दुषित भाव सुधार I
राणी सती सू विमल यश, बरणौ मति अनुसार II