हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन का एक विशेष महत्व होता है और शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से शनिवार का व्रत करता है, तो उसकी जीवन की कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है, जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि शनिवार के दिन व्रत करने से व्यक्ति को क्या-क्या फायदा होता है।
शनि देव सूर्य देव के पुत्र और यमराज के भाई हैं। उन्हें नवग्रहों में विशेष स्थान प्राप्त है। शनि की दृष्टि को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी टेढ़ी नजर किसी के भी जीवन में परेशानियां ला सकती है, लेकिन यदि शनि देव प्रसन्न हो जाएं, तो जीवन में तरक्की और सफलता भी उन्हीं की कृपा से मिलती है। इतना ही नहीं अगर आप भी शनिवार के दिन शनिदेव के नाम का व्रत करने जा रहे हैं तो आपको इससे होने वाले अनेक फायदों के बारे में जान लेना चाहिए। कहते हैं शनिदेव अपने भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखते हैं।
1. जो लोग लंबे समय से बेरोजगार हैं या नौकरी में स्थिरता नहीं है, उन्हें शनिवार को व्रत जरूर रखना चाहिए। साथ ही शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाकर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
2. शनिवार के दिन उपवास करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक तनाव कम होता है। व्रत के साथ ध्यान और शनि मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है।
3. शनिवार के दिन भगवान हनुमान का व्रत करने से उनकी कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है।
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर नीले या काले वस्त्र पहनें। पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। शनि देव की मूर्ति या शिला पर सरसों का तेल, काले तिल, और लोहे से बना दीपक चढ़ाएं। साथ ही, 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें। इसके अलावा इस दिन हनुमान जी की पूजा भी विशेष फलदायी मानी जाती है क्योंकि वे शनि के प्रभाव को शांत करने वाले देवता हैं। शनिवार के दिन जरूरतमंदों को काले वस्त्र, काले चने, तेल या कंबल दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
शनिवार के दिन मांस-मदिरा, झूठ, अपशब्द और अहंकार से दूर रहना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन भी वर्जित माना गया है। दूसरों का अपमान करने या गरीबों का अनादर करने से शनिदेव अप्रसन्न हो सकते हैं। इसलिए इस दिन विनम्र और संयमी रहना अत्यंत आवश्यक है।
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों - हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह आयोजन समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथा पर आधारित है।
सनातन हिंदू धर्म में, होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसकी धूम पूरे विश्व में है। दिवाली के बाद हिंदू धर्म में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाने वाला होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इनमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि विशेष धूमधाम से मनाई जाती हैं। साल में कुल चार नवरात्रियां पड़ती हैं—दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त। नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में आती हैं।
सनातन धर्म में नवरात्रि के दिनों को अत्यंत शुभ माना जाता है। साल में चार नवरात्रियां पड़ती हैं—माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष नवरात्रि कहा जाता है, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है।