Chaitra Navratri 2025 Date: साल 2025 में चैत्र नवरात्रि कब है, जानिए कब शुरू होगीं और कब खत्म होगी
चैत्र नवरात्रि का महत्व
सनातन धर्म में नवरात्रि के दिनों को अत्यंत शुभ माना जाता है। साल में चार नवरात्रियां पड़ती हैं—माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष नवरात्रि कहा जाता है, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है।
नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। भक्त इन नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन कर देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। मान्यता है कि इन दिनों देवी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
2025 में चैत्र नवरात्रि कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को सुबह 6 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी और 30 मार्च को सुबह 7 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 तक चलेगी।
चैत्र नवरात्रि 2025 घटस्थापना या कलश स्थापना मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। यह शुभ कार्य बिना किए नवरात्रि पूजन अधूरा माना जाता है।
इस बार कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान घटस्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है।
माता रानी की सवारी इस बार क्या होगी?
हर नवरात्रि में माता दुर्गा की अलग-अलग सवारी होती है, जिससे साल के शुभ और अशुभ संकेतों का अनुमान लगाया जाता है। इस बार ज्योतिषीय गणना के अनुसार, माता दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी।
मान्यताओं के अनुसार, माता की यह सवारी बड़े राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों का संकेत देती है। यह भविष्यवाणी करती है कि 2025 में समाज और राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियां और देवी स्वरूप
इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से होगी और हर दिन मां दुर्गा के एक अलग स्वरूप की पूजा की जाएगी।
- 30 मार्च 2025 (रविवार) - मां शैलपुत्री
- 31 मार्च 2025 (सोमवार) - मां ब्रह्मचारिणी
- 1 अप्रैल 2025 (मंगलवार) - मां चंद्रघंटा
- 2 अप्रैल 2025 (बुधवार) - मां कूष्मांडा
- 3 अप्रैल 2025 (गुरुवार) - मां स्कंदमाता
- 4 अप्रैल 2025 (शुक्रवार) - मां कात्यायनी
- 5 अप्रैल 2025 (शनिवार) - मां कालरात्रि
- 6 अप्रैल 2025 (रविवार) - मां महागौरी
- 7 अप्रैल 2025 (सोमवार) - मां सिद्धिदात्री
बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
बसंत पंचमी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्योहार ज्ञान, विद्या और कला की देवी सरस्वती को समर्पित है।