महाकुंभ 2025 में बसंत पंचमी का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन तीसरा अमृत स्नान होना तय हुआ है। यह स्नान त्रिवेणी संगम में होगा जहां देश के कोने-कोने से साधु संत और श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं।
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का बहुत महत्व है, और ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। गुरु, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, को देवताओं का गुरु माना जाता है और इसका कुंडली में विशेष महत्व होता है।
बसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और विधि-विधान से माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
फरवरी का महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस महीने में फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी 2025 में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।