तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,
जबसे लागी माँ तुम्हारी,
सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
बजे मंदिरों में शंकर का डमरू,
गूंजे दिन रात नारद की वीणा,
भवन धोए मां इंद्र तुम्हारा,
झूला रुकता पवन का कभी ना,
देव नगरी से दर्शन को तेरे,
ब्रम्हा विष्णु भी आये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
भैरों हनुमान श्रद्धा से हर पल,
तेरे भवनों में देते हैं पहरा,
तेरी ममता की समता कोई ना,
तेरा दिल है समुंदर से गहरा,
सारे गंधर्व करने को अर्पण,
फूल चुन चुन के लाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
तेरी भक्ति में पल जो भी गुजरे,
वो ही फल तो सफल होंगे मैया,
धूल चरणों की हमको बनालो,
पार होगी हमारी भी नैया,
जैसी औरों पे की तूने करुणा,
आस हम भी लगाए हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
तेरे पावन माँ नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं,
जबसे लागी माँ तुम्हारी,
सारी दुनिया भुलाये हुए हैं,
तेरे पावन मां नवरात्रों में,
ज्योत तेरी जगाए हुए हैं ॥
छठ पूजा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों विशेष तौर पर बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख लोकपर्व है। इस पर्व की खासियत है कि इसमें किसी पुरोहित या पंडित की आवश्यकता भी नहीं होती।
भाई दूज भारतीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए मनाती हैं। लेकिन बिहार और कुछ अन्य क्षेत्रों में इस पर्व को मनाने की विधि बेहद अलग और अनोखी है।
दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है।
दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।