तेरे नाम का करम है ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
तेरे रूप का है एक लश्कारा,
जग में है जितना भी नूर ज्योतावालीये,
तेरे नाम का करम हैं ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये ॥
दूर गुफा में बैठे बैठे,
रोज करिश्मे करती है तू,
रोज करिश्मे करती है तू,
मैहरवाली एक नजर से,
सबके दुखड़े हरती है तू,
सबके दुखड़े हरती है तू,
खाली झोली जो लाता है,
उसकी झोली भरती है तू,
उसकी झोली भरती है तू,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
तेरे नाम का करम हैं ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये ॥
इस द्वारे की धूल लगाकर,
पापी पावन हो जाते है,
पापी पावन हो जाते है,
काया कंचन हो जाती है,
छिलके चन्दन हो जाते है,
छिलके चन्दन हो जाते है,
तेरी दया हो जाये तो पल में,
रंक भी राजन हो जाते है,
रंक भी राजन हो जाते है,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
तेरे नाम का करम हैं ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये ॥
BhaktiBharat Lyrics
तेरे नाम का करम है ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
शेरावाली मैहरवाली,
ज्योतावाली लाटावाली,
तेरे रूप का है एक लश्कारा,
जग में है जितना भी नूर ज्योतावालीये,
तेरे नाम का करम हैं ये सारा,
भक्तो पे छाया है सुरूर शेरावालिये ॥
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा के साथ गणपति जी का अपने घर में स्वागत करते हैं। इस उत्सव को 10 दिनों तक मनाया जाता है। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार, डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 10 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना करते हैं।
नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत लगाते हैं। ये हमेशा नग्न अवस्था में ही नजर आते हैं। चाहे कोई भी मौसम हो, उनके शरीर पर वस्त्र नहीं होते। वे शरीर पर भस्म लपेटकर घूमते हैं। नागाओं में भी दिगंबर साधु ही शरीर पर भभूत लगाते हैं। यह भभूत ही उनका वस्त्र और श्रृंगार होता है। यह भभूत उन्हें बहुत सारी आपदाओं से बचाता भी है।
नागा साधु भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे केवल सनातन धर्म के संरक्षक भी माने जाते हैं। इनका जीवन कठोर तपस्चर्या, शैव परंपराओं और भगवान शिव की भक्ति में बीतता है। नागा साधु धार्मिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ होते हैं। साथ ही हिंदू धर्म की रक्षा में भी ऐतिहासिक योगदान भी देते हैं।