तेरे कितने है मुझपे एहसान,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
हार के जमाने से मैं,
तेरे दर पे आया था,
सोचा न एक पल तूने,
गले से लगाया था,
संग रहता मेरे हर पल,
सुबह शाम,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
अपना बना के मुझे,
कभी ठुकराना ना,
जी न सकूंगा बाबा,
कभी बिसराना ना,
मेरी धड़कन मेरा जीवन,
तेरे नाम,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
तेरे कितने है मुझपे एहसान,
हर घडी़ मैं जपूँ तेरा नाम,
श्याम श्याम श्याम बाबा,
श्याम श्याम श्याम ॥
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना 11वां होता है। इस माह में पड़ने वाले व्रत का विशेष महत्व होता है। इनमें मौनी अमावस्या भी शामिल है। माघ माघ की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस दिन को हर महीने मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं।
मौनी अमावस्या पर मौन रहने का नियम है। सनातन धर्म शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।
मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित विशेष पर्व है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।