शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी,
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी
आँखों से रोज अपनि राहे बुहारती,
कांटे लगे ना कोई कोमल है राम जी,
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी.....
डलियाँ में बेर बागो से चुन चुन के ला रही,
कलियाँ में बेर बागो से चुन चुन के ला रही,
खट्टे हो चाहे मीठे हो खाएँगे राम जी,
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी,
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी.....
आये जब श्री राम जी चरणों में गिर पड़ी,
अंसुअन से धो रही है चरणों को राम जी,
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी,
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी.....
सुन्दर बिछा के आसन बैठाया राम को,
दिया कंद मूल लाकर खाए है राम जी,
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी,
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी.....
कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ,
आये शरण तिहारी प्रभु तार तार तू,
कैलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
कैसे भूलूंगा दादी मैं तेरा उपकार,
ऋणी रहेगा तेरा,
कैसे दर आऊं,
मैं तेरे दरश पाने को,