कैलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
आ गए है प्रभु गौरा मैया के संग,
आ गए है प्रभु गौरा मैया के संग,
मनभावन रूप ये धर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर,
कैंलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
पुत्र कार्तिक गणेश भी संग आए है,
पुत्र कार्तिक गणेश भी संग आए है,
रिद्धि सिद्धि को साथ में ले कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर,
कैंलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
थाल तुम आरती का सजाओ सखी,
थाल तुम आरती का सजाओ सखी,
सभी मंगल गाओ मिल कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर,
कैंलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
आज इच्छा होगी सबके दिल की पूरी,
आज इच्छा होगी सबके दिल की पूरी,
पाएंगे दर्शन जी भर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर,
कैंलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
कैलाश शिखर से उतर कर,
मेरे घर आए है भोले शंकर ॥
फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों मे एक है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है और फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार आंतरिक शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण के माध्यम से भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
महाशिवरात्रि भगवान शिव का पवित्र त्योहार है। इस बार शिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था।