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नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया (Nau Din Ka Tyohaar Hai Aaya)

नौ दिन का त्यौहार है आया,

ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

जिसने जगत बनाया,

नौं दिन का त्यौहार है आया,

नौं दिन का त्यौहार ॥


प्रथम शैलपुत्री की पूजा,

ब्रम्हचारणी का दिन दूजा,

माँ चंद्रघंटा की सेवा,

करके सब सुख पाया,

नौं दिन का त्यौहार है आया,

नौं दिन का त्यौहार ॥


चौथे दिन कुष्मांडा भक्ति,

स्कंदमाता पंचम शक्ति,

और छठा दिन कात्यायनी का,

करदे कंचन काया,

नौं दिन का त्यौहार है आया,

नौं दिन का त्यौहार ॥


सप्तम दिन शिव कालरात्रि,

अष्टम दिन महागौरी माया,

सिद्धि दात्री का नौवा दिन,

अपरम्पार है माया,

नौं दिन का त्यौहार है आया,

नौं दिन का त्यौहार।।


नौ दिन त्यौहार है आया,

ध्यान करो माँ नवदुर्गा का,

जिसने जगत बनाया,

नौ दिन का त्यौहार है आया,

नौं दिन का त्यौहार ॥

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किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

चंपा षष्ठी की पूजा विधि

भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

बैंगन छठ की कहानी क्या है

हर साल बैंगन छठ या चंपा षष्ठी का यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इसे बैंगन छठ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इस पूजा में बैंगन चढ़ाते हैं इसलिए इसे बैंगन छठ कहा जाता है।

मेरा मन पंछी ये बोले, उड़ वृन्दावन जाऊँ (Mera Man Panchi Ye Bole Ud Vrindavan Jaau)

मेरा मन पंछी ये बोले,
उड़ वृन्दावन जाऊँ,

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