मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,
आया हूँ जी आया हूँ,
शरण तेरी मैं आया हूँ,
पत रखना दयानिधान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तुम बलबुद्धि के दाता हो,
तुम मेरे भाग्य विधाता हो,
तुम सकल गुणों की खान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तुम संकट मोचन कारी हो,
बाबा शिव शंकर अवतारी हो,
तुम सा ना कोई बलवान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तेरी हर घर में होती पूजा,
कोई और नहीं तुमसे दूजा,
रखते हो सबका मान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
बस मुझको भरोसा तेरा है,
बाबा कोई नहीं यहाँ मेरा है,
तेरा ‘भीमसेन’ नादान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,
आया हूँ जी आया हूँ,
शरण तेरी मैं आया हूँ,
पत रखना दयानिधान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
शनिदेव 29 मार्च 2025 को देर रात 11 बजकर 01 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे।
राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु अपने सहचर के अनुसार फल प्रदान करता है। यानी अगर राहु शुभ ग्रह अथवा राशि में है तो वह अच्छे परिणाम देगा। परंतु अगर वह अशुभ ग्रह के साथ है तो वह अशुभ परिणाम देगा।
केतु फिलहाल कन्या राशि में हैं। नए साल यानी 2025 में केतू पीछे हटकर सिंह राशि में पहुंच जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु एक छाया ग्रह है और यह हमेशा विपरीत यानी उल्टी चाल में चलते हैं।
हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति माना जाता है। ये तीनों देवता सृष्टि के रचनाकार, पालनकर्ता और संहारक हैं। विष्णु और महेश की पूजा तो हर जगह होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।