कैसे कह दूँ,
दुआ बेअसर हो गई,
मैं रोया,
मेरी माँ को खबर हो गई,
मैं रोया,
मेरी मां को खबर हो गई ॥
पोंछे आंसू मेरी माँ ने,
बड़े प्यार से,
दिल तो भर आया और,
आँखे नम हो गई,
कैसे कह दूँ,
दुआ बेअसर हो गई,
मैं रोया,
मेरी मां को खबर हो गई ॥
माँ के चरणों को छूकर,
निहाल हो गया,
कुछ ना बोला फिर भी,
माँ को खबर हो गई,
कैसे कह दूँ,
दुआ बेअसर हो गई,
मैं रोया,
मेरी मां को खबर हो गई ॥
पूछा लोगों ने माँ के,
दर से क्या मिल गया,
मैंने बोला मुझे,
जीने की डगर मिल गई,
कैसे कह दूँ,
दुआ बेअसर हो गई,
मैं रोया,
मेरी मां को खबर हो गई ॥
कैसे कह दूँ,
दुआ बेअसर हो गई,
मैं रोया,
मेरी माँ को खबर हो गई,
मैं रोया,
मेरी मां को खबर हो गई ॥
धनतेरस में खरीदारी का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए राशिनुसार कुछ विशेष वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ होता है।
धनतेरस का पर्व धन, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। इस दिन यम नियम से वस्तुएं खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य और ऐश्वर्य निवास करता है।
भारत में धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत मानी जाती है। इस वर्ष यह दिन आज यानी 29 अक्टूबर (मंगलवार) को है।
“धनतेरस”, पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की त्रयोदशी को मनाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन को धनत्रयोदशी भी कहते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है।