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मेरे सोये भाग जगा भी दो(Mere Soye Bhag Jga Bhi Do Shiv Damaru Wale)

मेरे सोये भाग जगा भी दो(Mere Soye Bhag Jga Bhi Do Shiv Damaru Wale)

मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


तुमहे ने कैलाश पति,

लाखो को तारा ।

फिर क्यों न आया,

तुम को ध्यान तुम्हारा ।

खुशियों के फूल तुमने,

दुनिया को बांटे ।

झोली में हमारे क्या,

ये भर दिए कांटे ।

अब तो अपने दिन पलटा दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


तेरी तो जटाओ में है,

गंगा का पानी ।

पर न हमारी तुमने,

प्यास बुजाई ।

रावन को लंका देदी,

हे महादानी ।

अपने नसीबो में ये,

दुनिया पुरानी ।

कभी इस का भी चमका दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेहर का खजाना तेरे,

पास है विध्याता ।

उस में से थोडा बहुत,

मुझको भी दो दाता ।

कब से रोते है हँसा दो,

ओ शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।


मेरे सोये भाग जगा भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

मेरी बिगड़ी बात बना भी दो,

शिव डमरू वाले,

शंकर भोले भाले ।

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पौष माह में क्या करें और क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

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