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आरती श्रीमद भगवद गीता की (Aarti Shrimad Bhagavad Geeta Ki)

आरती श्रीमद भगवद गीता की (Aarti Shrimad Bhagavad Geeta Ki)

॥ श्रीमद भगवद गीता आरती ॥

जय भगवद् गीते, माता जय भगवद् गीते।

हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

कर्म सुमर्म प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा।

तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

निश्चल भक्ति विधायिनि, निर्मल मलहारी।

शरण रहस्य-प्रदायिनि, सब विधि सुखकारी॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

राग द्वेष विदारिणि, कारिणि मोद सदा।

भव भय हारिणि तारिणि, परमानन्दप्रदा॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

आसुर-भाव-विनाशिनि, नाशिनि तम रजनी।

दैवी सद्गुण दायिनि, हरि-रसिका सजनी॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

समता त्याग सिखावनि, हरिमुख की बानी।

सकल शास्त्र की स्वामिनि, श्रुतियों की रानी॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

दया-सुधा बरसावनि, मातु! कृपा कीजै।

हरिपद प्रेम दान कर, अपनो कर लीजै॥

जय भगवद् गीते, माता जय..॥

जय भगवद् गीते,माता जय भगवद् गीते।

हरि हिय कमल-विहारिणिसुन्दर सुपुनीते॥

जय भगवद् गीते, माता जय.....

बोलिये श्रीमदभागवतगीता की जय

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चैत्र नवरात्रि: कलश, शंख और तुलसी पौधा लाने की वजह

चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।

चैत्र नवरात्रि के चमत्कारी उपाय

चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।

आटा का दीपक जलाने के फायदे

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं।

चैत्र नवरात्रि धनलाभ के उपाय

सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।

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