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माता महादेवी है नाम, विराजी दशरमन में (Mata Mahadevi Hai Naam Viraji Dasharman Main)

माता महादेवी है नाम, विराजी दशरमन में (Mata Mahadevi Hai Naam Viraji Dasharman Main)

माता महादेवी है नाम,

विराजी दशरमन में,

सेवा में पंडा हज़ार,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥


आप विराजी सील में जाकर,

नगरी बसा दई नीचे आकर,

सेवा में सब नर नार,हए,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥


नीचे विराजे राम लला जी,

संग में उनके सीता माँ भी,

सेवा में हनुमत लाल,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥


नवराते में बोये जवारे,

द्वार तुम्हारे काली नाचे,

करते सब जय जयकार,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥


भक्तों तुम भी अरज लगा लो,

अपने बिगड़े काज सवारो,

बनते हर बिगड़े काज,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥


माता महादेवी है नाम,

विराजी दशरमन में,

सेवा में पंडा हज़ार,

माई की मढुलिया में,

माता महादेवी हैं नाम,

विराजी दशरमन में ॥

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मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

होली की पूजा विधि और सामग्री

होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों का भी प्रतीक है। होलिका दहन से पहले पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

होली के 10 महाउपाय

होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन किए गए कुछ उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं?

रंग पंचमी का महत्व और मुहूर्त

रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।

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