माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।
ज्योत जगा के, सर को झुका के,
मैं मनाऊंगी, दर पे आउंगी, मनाऊंगी, मैं आउंगी॥
संतो महंतो को बुला के घर में कराऊं जगराता।
सुनती है सब की फरियादें, मेरी भी सुन लेगी माता।
झोली भरेगी, संकट हरेगी, भेटा गाऊँगी,
मैं मनाऊंगी, भेटें गाऊँगी, मनाऊंगी, मैं आउंगी॥
॥ माँ मुरादे पूरी करदे...॥
दिल से सुनो शेरा वाली माँ, खड़ी मैं बन के सवाली।
झोली भरो मेरी रानी वाली माँ, गोदी है लाल से खाली।
कृपा करो, गोदी भरो, मैं दर पे आउंगी, मैं भेटें गाऊँगी,
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी॥
॥ माँ मुरादे पूरी करदे...॥
भवन तेरा है सब से ऊँचा माँ, और गुफा तेरी नयारी।
भाग्य विदाता ज्योता वाली माँ, कहती है दुनिया सारी।
दाति तुम्हारा, ले के सहारा, मैं दर पे आउंगी, मैं भेटे गाऊँगी,
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी॥
॥ माँ मुरादे पूरी करदे...॥
कृपा करो वरदानी माँ, छाया है गम का अँधेरा।
तेरे बिना मेरा कोई ना, मुझ को भरोसा है तेरा।
दाति तुम्हारा, ले के सहारा, दर पे आउंगी, मैं भेटे गाऊँगी,
मैं आउंगी, मैं गाऊँगी, मैं आउंगी॥
॥ माँ मुरादे पूरी करदे...॥
माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।
ज्योत जगा के, सर को झुका के,
मैं मनाऊंगी, दर पे आउंगी, मनाऊंगी, मैं आउंगी॥
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरणों में सर को,
झुकाता रहूं,
तन तम्बूरा, तार मन,
अद्भुत है ये साज ।
सूरज की किरण छूने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना,