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कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर (Kripalu Bade Hai Shri Shyam Sundar)

कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर (Kripalu Bade Hai Shri Shyam Sundar)

कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कौन है अपना कौन बेगाना,

कौन है बैरी कौन दीवाना,

इनके लिए सब एक बराबर,

इनके लिए सब एक बराबर,

भगवन किसी से भेद ना करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कोई कहे गिरधर कोई मुरलीधर,

कोई कहे छलिया कोई कहे नटवर,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

किसी नाम से भी इनको पुकारों,

प्रेम की भाषा भगवन समझते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


राधा तो इनके दिल में समाई,

करके भक्ति सोई मीरा ने पाई,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

‘नंदू’ भगत के भाव समझकर,

भक्तों को वत्सल दूर ना रहते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥


कृपालु बड़े हैं श्री श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे,

इनके हृदय में प्रेम भरा है,

भगवन सबों से प्रेम है करते,

कृपालु बड़े है श्रीं श्याम सुन्दर,

कृपालु कृपा की बरसात कर दे ॥

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पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

ये होगा साल का सबसे छोटा दिन

प्रत्येक साल में एक दिन सबसे छोटा होता है। दरअसल, इस दिन सूर्य धरती के दक्षिणी गोलार्ध में अपने चरम बिंदु पर होता है। ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे छोटे दिन तक भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर चुके होते हैं।

वनदेवी की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में वनदेवी को जंगलों, वनस्पतियों, और वन्य जीवों की अधिष्ठात्री माना जाता है। वे प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रतीक हैं। इतना ही नहीं, कई आदिवासी समुदायों में वनदेवी को आराध्य देवी के रूप में पूजा जाता है।

जल देवता की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं के एक विशेष स्थान और महत्व है। सभी देवी-देवताओं की पूजा भी विशेष रूप से करने का विधान हैं। वहीं देवी-देवताओं के साथ-साथ पंचतत्व की पूजा-अर्चना भी विशेष रूप की जाती है।

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